Women Reservation Bill Pass in Parliament 2023

Women Reservation Bill Pass in Parliament : महिला आरक्षण बिल के आने से आगे क्या बदलाव होंगे

Women Reservation Bill Pass In Parliament : महिला आरक्षण बिल संसद के विशेष 70 के दौरान लोकसभा में महिला आरक्षण विधायक पेश किया गया इस विधायक में प्रावधान है कि लोकसभा दिल्ली विधानसभा और सभी राज्य के विधानसभा में महिलाओं को 33 फ़ीसदी आरक्षण मिलेगा यानी कि महिलाओं के लिए एक तिहाई सिम आरक्षित की जाएगी इस ऐतिहासिक बदलाव के बाद से सक्रिय राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी इसमें केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में मंगलवार को महिला आरक्षण बिल पेश किया इस विधायक के कानून में बदलने के बाद महिलाओं को 33 परसेंट आरक्षण अनिवार्य हो जाएगा

महिलाओं के लिए 33% सीटे आरक्षित (Women Reservation Bill Pass In Parliament)

  • यह महिला आरक्षण बिल इस बिल में लोकसभा में महिलाओं को 33% सिटे  आरक्षित की गई है इसे 128 में संविधान संशोधन विधायक के तहत पेश किया गया था इस संशोधन के बाद लोकसभा में एक तिहाई भागीदारी महिलाओं की होगी इस विधेयक से महिला सशक्तिकरण बढ़ेगा

आरक्षण मिलने से आगे क्या होगा

  • महिला आरक्षण विधायक मिलने से महिलाओं को क्या-क्या लाभ होंगे महिलाओं को लाभ होगा उनकी सक्रिय राजनीति में आगे बढ़ाने में गति मिलेगी इस कानून के बाद लोकसभा में कम से कम 181 महिलाएं सांसद चुनकर आएंगे फिलहाल सदन में महिला सदस्यों की संख्या 82 है

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सभी विधानसभाओं मैं लागू होगा यह प्रावधान

  • लोकसभा और दिल्ली विधानसभा की तर्ज पर ही देश के सभी राज्यों के विधानसभा में भी यह बदलाव लागू होगा जैसे कि लोकसभा में महिलाओं के लिए 33 फीस थी सीट आरक्षित की गई है Women Reservation Bill Pass In Parliament  ठीक उसी तरह से सभी राज्यों के विधानसभा में महिलाओं की 33 फीस दी सिम अनिवार्य हो जाएंगे इसके तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आवंटित सीटों में महिलाओं के लिए 33% सीटे आरक्षित की जाएगी
कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
  • यह बिल पहली बार 12 सितंबर 1966 को पेश किया गया था
  • यह बिल पिछले 27 वर्षों से लटका हुआ था
  • हम महिलाओं को 33 परसेंट आरक्षण मिलेगा
  • अब लोकसभा में 181 हो जाएगी महिला सांसदों की संख्या
आरक्षण का प्रभाव Women Reservation Bill Pass In Parliament
  • इस बिल के पास होने के बाद लोकसभा दिल्ली विधानसभा और सभी राज्य की विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ जाएगी और महिलाओं के लिए ले गया आरक्षण 15 वर्ष तक प्रभाव में रहेगा इसके साथ ही इसमें प्रावधान है की सीटों का जो बंटवारा होगा वह रोटेशनल प्रणाली के तहत किया जाएगा

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इससे पहले यह बिल कब पेश किया गया
  • महिला आरक्षण बिल पिछले 27 वर्षों से लटका हुआ था इसे पहली बार 12 सितंबर 1966 को एचडी देव घोड़ा की सरकार ने पेश किया था हालांकि उसे वक्त यह बिल पास नहीं हो सका उसके बाद भी कई सरकारों ने इस कानून को लागू करना चाहा लेकिन वह असफल रहे

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